हरिद्वार में बाबा ने तीन करोड़ के जेवरात पहनकर गंगा में लगाई डुबकी
हरिद्वार में चल रहे अर्धकुम्भ मेले में गंगा में डुबकी लगाने वालों के
अलग ही नजारे दिखाई पड़ते हैं। लोग विशेष तरह की वेशभूषा में आते हैं। नागा
साधु भी होते हैं तो जूना अखाड़ा से आने वाले संत भी। अपनी तरह का यहां का
माहौल अलग ही होता है। गत शुक्रवार को एक ऐसे संन्यासी ने अपने शिष्यों के
साथ डुबकी लगाई जिन्होंने अपने शरीर पर सोने के बने आभूषण पहन रखे थे।
आभूषण थोड़े भी नहीं, साढ़े पन्द्रह किलो के। इनकी कीमत लगभग 3 करोड़ रुपए
थी।
घाट
पर जब इन संन्यासी ने चेलों समेत डुबकी लगाई तो सभी की आंखें उनकी ओर ही
थी। बाबा के आभषूणों से लदे होने के मामले में जब उनके शिष्यों से सवाल
किया गया तो शिष्यों ने तपाक से उत्तर देते हुए कहा, जिस तरह सोना कीमती और
अमूल्य वस्तु है उसी तरह से हमारे गुरु भी स्वर्णाभूषण से सुशोभित और
विभूषित हैं जो उनके व्यक्तित्व के अनुकूल ही है और वे शोभायमान हैं।
जानकारी
करने पर पता चला कि संन्यास लेने के पहले बाबा का नाम सुधीर कुमार मक्कड़
था। दिल्ली में उनके जेवरातों का व्यापार था। बहुत कुरेदने पर बाबा ने कहा
कि व्यापार में लिप्त रहने के चलते कुछ अपराध हो ही जाते थे। इन अपराधों से
छुटकारा पाने के लिए आस्तिक बन गया।
SOURCE: http://www.patrika.com/news/miscellenous-india/golden-baba-who-wears-jewellery-worth-rs-3cr-turns-heads-at-ardh-kumbh-1162006/
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